तेंदुओं की DNA प्रोफाइलिंग शुरू करेगा ओडिशा का वन और पर्यावरण विभाग - TopTak Study


ओडिशा में तेंदुओं की DNA प्रोफाइलिंग शुरू।

हाल ही में ओडिशा के 'वन और पर्यावरण' विभाग' के वन्यजीव संगठन ने राज्य में तेंदुओं की DNA प्रोफाइलिंग करने का निर्णय किया है। तेंदुओं की यह DNA प्रोफाइलिंग ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी (OUAT) के सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ हेल्थ (CWH) के सहयोग से की जाएगी।

उद्देश्य :-

इस पहल के शुरू होने से उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहाँ तेंदुए पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों से उनके नमूने एकत्र किये जाएंगे, जिन्हें DNA प्रोफाइलिंग के लिये सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ हेल्थ में भेजा जाएगा।


यह पहल शिकारियों और व्यापारियों से जब्त किये गए जानवरों की त्वचा और अन्य अंगों के अवशेषों के माध्यम से तेंदुओं के बारे में जानने में मदद करेगी। वन्यजीव अपराधों, विशेष रूप से तेंदुओं के अवैध शिकार के विरुद्ध लड़ाई में सहायक होगी। 

DNA प्रोफाइलिंग :-

सरल भाषा में समझा जाये तो किसी व्यक्ति की फॉरेंसिक पहचान करने के काम को DNA प्रोफाइलिंग कहा जाता है। इसके लिये किसी व्यक्ति के त्वचा, लार, रक्त या बाल जैसे जैविक नमूने लेकर DNA प्रोफाइलिंग का काम किया जाता है।


यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति अथवा उसके ऊतक (Tissue) के नमूने से एक विशेष DNA पैटर्न (जिसे प्रोफाइल कहा जाता है) लिया जाता है। लगभग शत-प्रतिशत (99.9%) DNA अनुक्रम सभी व्यक्तियों में एक जैसा होता है। केवल 0.1% अंतर की वजह से प्रत्येक मनुष्य का DNA एक-दूसरे से अलग होता है और इसी आधार पर किसी व्यक्ति की पहचान की जा सकती है।

महत्वपूर्ण बिंदु :-

  • ओड़िशा में वर्ष 2018 तक तेंदुओं की आबादी लगभग 760 थी। 

  • तेंदुओं को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अनुसूची-I में शामिल किया गया है। 

  • हाल ही में 100% वैक्सीनेशन करने वाला देश का पहला शहर भुवनेश्वर बन गया है।

  • हाल ही में नल से पेयजल योजना शुरू करने वाला देश का पहला शहर पुरी बन गया है।

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