जनजातिय भागीदारी योजना राजस्थान।
राजस्थान सरकार ने प्रदेश में बसने वाली आदिवासी जनजातियों (Tribal Community) के समरूप विकास एवं उत्थान के लिए जनजातीय भागीदारी योजना (Tribal Partnership Scheme) की शुरुआत की है।
जनजातिय भागीदारी योजना (Tribal Partnership Scheme) के शुरू होने की घोषणा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है।इस योजना की शुरुआत 9 अगस्त 2021 को मनाये जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस के दिन से की जाएगी।
इस योजना को शुरू करने का प्रमुख उद्देशय जनजातियों के संपूर्ण विकास एवं पुनरुत्थान के लिए सामुदायिक भवनों का निर्माण करना, पशुपालन को बढ़ावा देना, डेयरी पालन को बढ़ावा देना, एवं नए रोजगार सर्जन करना है। जिससे की आदिवासी जनजातियों का विकास हो सके।
इस योजना में किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के लिए जरूरी राशि का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा भामाशाह, स्वयंसेवी संस्थाओं, एवं जन सहयोग से उपलब्ध करवाया जाएगा।
इस योजना में ₹10 लाख तक के कार्य की अनुमति स्थानीय जिला कलेक्टर देंगा तथा ₹25 लाख तक के कार्य की अनुमति जनजाति क्षेत्रीय विकास बोर्ड देगा। इस योजना में बनाए जाने वाली संपत्ति का मालिकाना हक राज्य सरकार का होगा।
महत्वपूर्ण योजना :-
- चिरंजीवी योजना - राजस्थान सरकार ने शुरू की है। यह योजना स्वास्थ्य बीमा से संबंधित योजना है।
- अंकुर योजना - मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू की है। यह वृक्षारोपण से संबंधित योजना है।
- पर्वत धारा योजना - हिमाचल प्रदेश सरकार ने की है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण करना है।
- घर-घर औषधि योजना - राजस्थान सरकार ने शुरू की है। इस योजना के तहत हर परिवार को औषधीय पौधे उपलब्ध करवाये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना - असम सरकार ने शुरू की है। यह शिशु स्वास्थ्य से संबंधित योजना है।
- प्राण वायु देवता पेंशन योजना - हरियाणा सरकार ने शुरू की है। यह योजना 50 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों से संबंधित है।
- मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना - राजस्थान सरकार ने शुरू की है।
- वात्सल्य योजना - उत्तराखंड सरकार ने शुरू की है।
- मिशन हौसला योजना - उत्तराखंड पुलिस के द्वारा शुरू की गई है।
- कोविड़ फतह योजना - पंजाब सरकार के द्वारा शुरू की गई है।
- दलित बंधु योजना - तेलंगाना सरकार के द्वारा शुरू की गई है।