अवतार सिंह भसीन द्वारा लिखित पुस्तक "नेहरू, तिब्बत और चीन" हुई प्रकाशित - TopTak Study



 "नेहरू, तिब्बत और चीन" पुस्तक प्रकाशित।

हाल ही में पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया ने एक नई पुस्तक "नेहरू, तिब्बत और चीन (Nehru, Tibet and China)" प्रकाशित की, जिसे अवतार सिंह भसीन ने लिखा है। 

नेहरू, तिब्बत और चीन पुस्तक भारत की स्वतंत्रता से लेकर 1962 के भारत-चीन युद्ध तक हुए विभिन्न विवरणों और घटनाओं के बारे में बताती है। यह भारत और चीन संबंधों के साथ साथ तिब्बत और इसकी सीमा के मुद्दों, चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा और तिब्बत से भारत में 14 वें धर्मगुरु दलाई लामा के पलायन पर केंद्रित है। 

भारत, तिब्बत और चीन का इतिहास

01 अक्टूबर, 1949 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना अस्तित्व में आया और एशियाई इतिहास को हमेशा के लिए बदल दिया। सत्ता राष्ट्रवादी कुओमितांग सरकार के हाथों से माओ त्से तुंग (Mao Tse Tung) के नेतृत्व वाली चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पास चली गई। यह अचानक से हो गया जिससे भारत को निपटना था।

आजादी के बाद भारत, प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में बहुत कठिनाइयों से जुझ रहा था। चीन के साथ इसके संबंध उत्तरोत्तर बिगड़ते गए, अंततः 1962 में भारत चीन युद्ध की ओर अग्रसर हुआ।

आज, युद्ध के छह दशक से अधिक समय के बाद, हम अभी भी चीन के साथ सीमा विवादों से त्रस्त हैं जो नियमित रूप से सुर्खियों में आ हैं।

महत्वपूर्ण बिंदु :-

  • वर्तमान में अवतार सिंह मूल अभिलेखीय दस्तावेजों के प्रकाशक हैं।

  • अवतार सिंह भसीन ने लगभग 30 वर्षों तक विदेश मंत्रालय में सेवा की। वह 1993 में ऐतिहासिक प्रभाग के निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए।

  • अवतार सिंह भसीन भारत के रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय अभिलेखागार में भी अपनी सेवा दे चुके हैं।

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