धौलावीरा विश्व धरोहर सूची में शामिल।
काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर (Kakatiya Rudreshwar Temple) (रामप्पा मंदिर) तेलंगाना के बाद गुजरात में स्थित कच्छ जिले के खादिरबेट द्वीप पर स्थित हड़प्पा कालीन समय का सबसे व्यस्ततम नगर धौलावीरा (Dholavira) को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची (World Heritage Site) में शामिल कर लिया गया है।
यूनेस्को के 44 वे सत्र की बैठक चल रही है। जिसमें भारत की दो धरोहरो को सुची में शामिल किया गया है।
https://twitter.com/UNESCO/status/1419956677579886592?s=19
धौलावीरा (Dholavira) लगभग 5000 वर्ष पुराना हड़प्पा कालीन स्थल है। जिसकी संरचना समानांतर चतुर्भुज के समान है। यह तीन भागों में विभाजित नगर है। धोलावीरा के चारों तरफ सुरक्षा की दृष्टि से एक मजबूत दीवार के साक्ष्य मिले हैं।
धौलावीरा (Dholavira) के उत्तर में मनसर नाम का एवं पूर्व में मनहर नाम का नाला स्थित है। धौलावीरा (Dholavira) अहमदाबाद से लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित है। धौलावीरा (Dholavira) को स्थानीय भाषा में कोटडा डिब्बा कहा जाता है।
यूनेस्को सूची में गुजरात का यह चौथा स्थल शामिल किया गया है। इससे पहले चंपानेर, रानी की वाव एवं अहमदाबाद शहर को यूनेस्को में शामिल कर लिया गया है।
युनेस्को (UNESCO) :-
- मुख्यालय:- पेरिस (फ्रांस)
- अध्यक्ष:- आंद्रे अजोले
- स्थापना:- 16 नवंबर 1945 (भारत 1946 में शामिल)
- काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर (Kakatiya Rudreshwara Temple) यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची (World Heritage Site) में भारत का 39 वां एवं धौलावीरा (Dholavira) 40 वां धरोहर स्थल बन गया है।
- भारत के अब कुल 40 स्थल विश्व धरोहर सूची (World Heritage Site) में शामिल हों गये है। जिनमें से 32 सांस्कृतिक धरोहर एवं 7 प्राकृतिक धरोहर तथा 1 मिश्रित धरोहर कंचनजंगा नेशनल पार्क हैं। जो विश्व की एकमात्र मिश्रित धरोहर है।